पूरी धरती पर लगभग 41 करोड़ लोग ऐसे हैं जो काम तो करना चाहतें हैं लेकिन उनके पास कोई नौकरी नहीं हैं , 2024 के मुकाबले यह आंकड़ा 2023 में लगभग 23 लाख कम था , अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन नें अपनी वर्ल्ड एम्प्लॉयमेंट एंड सोशल आउटलुक ट्रेंड्स रिपोर्ट 2025 में यह जानकारी मिली है
दुनिया में श्रमबल भागीदारी में गिरावट:
जहाँ काम आय वाले देशों में श्रमबल भागीदारी में गिरावट आई है तो वहीं अधिक आय वाले देशों में श्रमबल भागीदारी की वृद्धि हुई है ,नौकरी करने में महिलाओ की संख्या अभी भी बहुत कम है तो अब पुरुषों के भी नौकरी करने के मामले में कमी आ रही है
आईअलओ की रिपोर्ट के अनुसार 2024 में भारत 2.55 करोड़ कामकाजी आबादी बेरोजगार थी वहीँ 2025 आते आते ये आंकड़ा बढ़कर 2.61 करोड़ होने का अनुमान लगाया जा रहा है जबकि 2026 तक यह आंकड़ा घटकर 2.56 करोड़ रह जायेगा
क्या है बेरोजगारी का कारण :
दुनिया में बेरोजगारी का मुख्य कारण दुनियाभर की धीमी अर्थव्यवस्था भी है हालांकि इसमें भारत का नाम अपवाद के रूप में रखा गया है क्यों कि जहाँ दुनिया की अर्थव्यवस्था धीमी हो रही है वहीँ भारत की अर्थव्यवस्था दिन और दिन ग्रोथ कर रही है एक रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिणी एशिया की विकाश दर भारत के कारण हैं क्यों कि भारत वर्ल्ड मैप के मुताबिक दक्षिणी एशिया में आता है ,जँहा 2024 में भारत की विकाशदर 6.9% रही है तो 2025 में 6.4 रहने का अनुमान लगाया जा रहा है