• Home
  • फैक्ट
  • खिचड़ी यानि मकर संक्रांति क्यों मनाई जाती है ? और इस दिन खिचड़ी क्यों खाई जाती है ? Khichadi Yani MakarSankranti Kyo Manai Jati HAi Aur Is Din Kyo Khai Jati Hai Khichadi ??

खिचड़ी यानि मकर संक्रांति क्यों मनाई जाती है ? और इस दिन खिचड़ी क्यों खाई जाती है ? Khichadi Yani MakarSankranti Kyo Manai Jati HAi Aur Is Din Kyo Khai Jati Hai Khichadi ??

यह पर्व सूर्य की दिशा को निर्धारित करता है यानि मकर संक्रांति से सूर्य की दिशा उत्तरायण यानि उत्तर की ओर होने लगती है
अथार्त इस पर्व से दिन थोड़ा थोड़ा बड़े और रातें छोटी होने लगती हैं सूर्य की उत्तर दिशा यानि उत्तरायण को कई लोग शुभ और पवित्र मानते हैं,
मकर संक्रांति के दिन गंगा स्नान करके गंगा तट पर दान पुण्य करने का विशेष लाभ माना गया है , मान्यता है इस दिन दिया गया दान सौ गुना बढ़ क्र पुनः मिलता है ,मकर संक्रांति वाले दिन प्रयागराज या गंगा स्नान को महास्नान माना गया है

इस पर्व की पौराणिक और कई धार्मिक मान्यताये हैं जैसे कहा जाता है कि भगवान भास्कर इस दिन अपने पुत्र शनि देव से मिलने स्वयं उनके घर गए थे दूसरा यह कि शनि देव मकर राशि के स्वामि हैं इस लिए भी इस दिन को मकर संक्रांति के नाम से जाना जाता है तीसरा यह कि इसी दिन गंगा जी महर्षि भागीरथी के पीछे पीछे चल कर कपिल मनु के आश्रम से होते हुए सीधे समुद्र की असीमित गहराईयों से जाकर मिल गयी थी

इसके आलावा खिचड़ी से सम्बंधित बाबा गोरखनाथ की भी एक प्राचीन कथा फेमस है : कहा जाता है कि जब खिलजी ने आक्रमण किया था, उस समय चारों तरफ हाहाकार मच गया था. युद्ध की वजह से नाथ योगियों को भोजन बनाने का भी समय नहीं मिल पाता था. लगातार भोजन की कमी से वे कमजोर होते जा रहे थे. नाथ योगियों की उस दशा को बाबा गोरखनाथ नहीं देख सके और उन्होंने लोगों से दाल चावल और सब्जी को एक साथ मिलाकर पकाने की सलाह दी. बाबा गोरखनाथ की यह सलाह सभी नाथ योगियों के बड़े काम आई. दाल चावल और सब्जी एक साथ मिलाने से बेहद कम समय में आसानी से पक गया और इससे. इसके बाद बाबा गोरखनाथ ने ही इस पकवान को खिचड़ी का नाम दिया. खिलजी से युद्ध समाप्त होने के बाद बाबा गोरखनाथ और योगियों ने मकर संक्रांति के दिन उत्सव मनाया और उस दिन लोगों को खिचड़ी बाटी. उसी दिन से मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी बाटने और बनाने की प्रथा शुरू हो गई.

इस दिन खिचड़ी क्यों बनाई जाती है:

मकर संक्रांति पर खिचड़ी बनाने के पीछे कई आध्यात्मिक और वैज्ञानिक कारण बताये जाते हैं कहा जाता है इस दिन खिचड़ी खाने से घर में सुख और शांति के साथ साथ समृद्धि भी आती है इस दिन कई प्रकार से खिचड़ी बनाई जा सकती है जैसे कुछ लोग दाल चावल की सादी खिचड़ी बनाते है तो कुछ लोग इसको सब्जियों के साथ मिलाकर बनाते हैं

खिचड़ी एक संतुलित और बहुत ही पौस्टिक आहार है इसको ठण्ड के दिनों में गर्म और ऊर्जावान आहार माना गया है जो हमारे पाचन तंत्र और स्वाथ्य के लिए बहुत लाभकारी होता है

Releated Posts

Nobel(नोबेल) पुरस्कार क्या है ?….. ये कब और क्यों शुरू किया गया ?

नोबेल पुरस्कार दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित और सर्वोच्च सम्मानों में से एक है। इसे स्वीडन के वैज्ञानिक अल्फ्रेड…

ByBykush4284@gmail.comOct 8, 2025

दुनिया भर की जनसंख्या में से लगभग 41 करोड़ लोगों के पास कोई नौकरी नहीं, कहीं आप भी इनमे से एक तो नहीं ?

पूरी धरती पर लगभग 41 करोड़ लोग ऐसे हैं जो काम तो करना चाहतें हैं लेकिन उनके पास…

ByBykush4284@gmail.comJan 18, 2025

8th pay commission अर्थात 8वां वेतन आयोग:केंद्रीय कर्मचारियों को केंद्र सरकार का बड़ा तोहफा

केंद्रीय कर्मचारियों को भी सौगात: बजट 2025 से पहले केंद्र की मोदी सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों को बड़ी…

ByBykush4284@gmail.comJan 16, 2025

क्या है कुंभ हिन्दुओ के लिए क्यों है इतना महत्वपूर्ण ? Kya Hai Kumbh Hinduo Ke liye Kyo Hai Itna Mahatvpurn ?

विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक और आध्यात्मिक समागम माँ गंगा ,यमुना और अद्रश्य सरस्वती की त्रिवेणी में 13…

ByBykush4284@gmail.comJan 12, 2025

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *