अधिकतर शहरी आबादी में रहने वाले लोगो को टी बैग वाली चाय पीने की आदत होती है अगर आप भी उनमे से एक है तो सावधान हो जाये क्यों की द ऑटोनोमोस यूनिवर्सिटी ऑफ़ बार्सिलोना के वैज्ञानिको ने चेतावनी दी है की एक टी बैग आपके शरीर में अरबो खतरनाक माइक्रो प्लास्टिक छोड़ सकती है जो कैंसर का मुख्य कारण है केमोस्फियर में प्रकाशित एक अध्ययन में बाजार में उपलब्ध तीन प्रकार के टी बैग की जाँच के आधार पर शोधकर्ताओं ने यह चौकाने वाला खुलासा किया है
इस प्रकार के टी बैग पाए गए सबसे खतरनाक:
टी बैग आमतौर पर सेलुलोस ,पॉलीप्रोपाइलीन और नायलॉन जैसे तत्वों से मिलकर बने होते हैं ऐसे टी बैग गर्म पानी में जाने के बाद अरबों की संख्या में माइक्रो प्लास्टिक और नैनोप्लास्टिक्स के कण छोड़ देते हैं जो शरीर में कैंसर जैसे खतरनाक बीमारी को पनपने देते हैं
प्रयोग में 300 टी बैग अलग अलग 95 डिग्री तापमान पर 600 मिली लीटर पानी वाले 1 लीटर के पात्र में डाला गया वैज्ञानिको ने पाया कि तीनो प्रकारो में पानी में काफी मात्रा में नैनो आकार के कण पाए गए , जिसमे सबसे खतरनाक पॉलीप्रोपाइलीन टी बैग पाया गया ,इसने प्रति मिलीलीटर चाय में लगभग 1.2 अरब कण पाए गए इन कणो का औसत आकार 136.7 नैनोमीटर था ,वहीँ नाइलोन टी बैग ने प्रति मिली लीटर 8.18 मिलियन कण छोड़े जिनका औसत आकार 13. 6 नैनो मीटर था
कैंसर के लिए कैसे है जिम्मेदार:
वैज्ञानिको ने बताया की ज्यादातर मइक्रोप्लास्टिक्स बलगम बनाने वाली आंतो की कोशिकाओं द्वारा अवशोषित कर लिए जाते हैं शोधकर्ताओं को इस बात की चिंता है कि ऐसे कण कोशिकाओं के भीतर घुस कर सेलुलर फंक्शन में बदलाव ला सकते हैं जो कैंसर का एक मुख्य कारण बन सकता है
हाल ही में इस बात के प्रमाण सामने आये है कि प्लास्टिक स्वस्थ्य कोशिकाओं को प्रभावित कर कैंसर की शुरुवात में मुख्य भूमिका निभाते हैं ,
मइक्रोप्लास्टिक्स के संपर्क में आने के बाद आंत में कैंसर कोशिकाएं ज्यादा तेजी से फैलती है