2024 में शेयर बाजार के 52 हफ्तों का सफर लगभग आखिरी पड़ाव पर है , भारत के इक्विटी बाजार के 52 हफ्तों के सफर पर नजर डालें तो जिस तरह पुरे साल मुद्रा इस्फीति का दबा रहा और दूसरी तिमाही में जिस तेजी से डाउनफॉल आया साथ ही साल के आखिरी में आते आते विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार से भरपूर निकाशी की और इन तमाम चुनौतियों के बाद बाजार ने लचीला और सकारात्मक रुख बरकरार रखा , और इन सभी चुनोतियो के बावजूद घरेलू निवेशकों का भारतीय शेयर बाजार पूरा भरोसा देखने को मिला
चीन की चुनौतियों का करना पड़ा सामना:
जहां चीन की अर्थव्यवस्था के साथ साथ उसका शेयर मार्केट औंधे मुंह गिर गया जिसको सँभालने के लिए चीन नें 1.4 ट्रिलियन डॉलर का प्रोत्साहन पैकेज जारी कर दिया , इसी प्रोत्साहन पैकेज से प्रभावित होकर विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार से लगभग 85000 करोड़ रुपये निकल ले गए
गिरते भारतीय शेयर बाजार को सँभालने के लिए घरेलु संस्थागत निवेशकों { डी आई आई } ने लगभग 1 लाख करोड़ रुपये डाल दिए, जिससे भारतीय बाजार स्थित हो गया और खुदरा निवेशकों का भरोसा बरकरार रखने में कामयाब हो गए
जंहा चीन की इस चुनौती का सामना करना पड़ा पर बाजार की सेहत कुल मिलाकर संतोषजनक रही
भारतीय शेयर बाजार पर अडानी समूह के विवाद का असर:
इसके पहले नवंबर महीने में अडानी समूह पर रिश्वत का मामला अमेरिकी अदालत में पहुंचने के बाद अडानी समूह के शेयरों में जोरदार गिरावट हुई थी पर भारतीय निवेशकों का भरोसा बाजार से नहीं हटा और मार्केट स्थित रही वही अडानी समूह के शेयरों ने दोबारा गति पकड़नी शुरू कर दी थी जिससे निवेशकों का आत्मविश्वाश भी वापस लौट आया,
आईपीओ ने मचाया धमाल:
इस वर्ष नई कंपनियां आईपीओ के जरिये मार्केट में दाखिल हुई , दिसंबर २०२4 आते आते लगभग 298 नई कंपनियों ने एक लाख चालीस हजार करोड़ रुपये जुटा लिए जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 140 % अधिक था , इतने बड़े निवेश के पीछे खुदरा निवेशकों की बड़ी भूमिका रही
SIP भी किसी से कम नहीं:
इसी तरह [SIP] सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान ने भी नई उचाईयों को छुआ वही निफ्टी फिफ्टी इंडेक्स ने 13.25 % का वार्षिक रिटर्न दिया जो पिछले साल के 19.45 % से कम रहा ,