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सेहतवाला – आखिर रूस ने ऐसा क्या बना लिया है जिससे बन जायेगा सुपर पावर?

कैंसर वैक्सीन-

रूस ने दावा किया है कि उन्होंने कैंसर की वैक्सीन बना ली है।  रूस की इस खोज को सदी की सबसे बड़ी खोज माना जा रहा है। कैंसर दुनिया की सबसे खतरनाक बीमारियों में से एक है। रूस की इस खोज को पूरी दुनिया बड़ी उम्मीद की नजर से देख रही है

कब होगी लॉन्च:

रूस की सरकार ने कहा है कि वैक्सीन साल 2025 के शुरुआती महीनों में ही उपलब्ध हो जाएगी जिसे 2025 की शुरुआत से रूस के कैंसर रोगियों को फ्री में लगाया जाएगा। हालांकि इसे अभी सिर्फ रूस के लिए तैयार किया गया है। यह दूसरे देशों के लिए कब तक उपलब्ध होगी, इस बारे में कुछ भी कहना मुश्किल है।

 कैसे होगा वैक्सीन का असर –

सबसे पहले कैंसर के रोगी में से कैंसर सेल्स का सैंपल लिया जाता है।
इसके बाद वैज्ञानिक इस ट्यूमर के जीन की सीक्वेंसिंग करते हैं। इसके जरिए कैंसर सेल्स में बने प्रोटीन की पहचान की जाती है। प्रोटीन की पहचान के बाद पर्सनलाइज्ड mRNA वैक्सीन बनाई जाती है। R को लगने वाली कैंसर वैक्सीन शरीर को T सेल्स बनाने का आदेश देती है।
ये T सेल्स ट्यूमर पर हमला कर कैंसर को खत्म कर देती हैं। इसके बाद इंसानी शरीर ट्यूमर सेल को पहचानने लगता है, जिससे कैंसर दोबारा नहीं लौटता है। यह वैक्सीन शरीर के नेचुरल डिफेंस सिस्टम को मजबूत करेगी। इसकी मदद से ट्यूमर की ग्रोथ धीमी की जा सकती है। यह एक बार कैंसर खत्म होने के बाद दोबारा पनपने से रोक सकती है। अगर शुरुआती स्टेज का कैंसर है तो उसे पूरी तरह खत्म कर सकती है।

किस तरह के कैंसर के लिए है असरदार-

इसमें सभी तरह के कैंसर का इलाज करने की क्षमता है। यह वैक्सीन अब तक प्री-क्लिनिकल ट्रायल में ब्रेस्ट, लंग्स और कोलोन कैंसर के खिलाफ सफल रही है। रिसर्चर्स का कहना है कि यह वैक्सीन कैंसर की शुरुआती स्टेज में बहुत अधिक प्रभावी है।

क्या होगी कीमत:

इसकी कीमत करीब 2.5 लाख रुपए होगी। रूसी नागरिकों को ये वैक्सीन मुफ्त में मिलेगी। हालांकि दुनिया के बाकी देशों के ये वैक्सीन कब मिलेगी, इसके बारे में कोई जानकारी नहीं दी है।

क्या सभी को लगवानी पड़ेगी वैक्सीन:

इस वैक्सीन के बारे में स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि इसका उद्देश्य कैंसर पेशेंट्स का इलाज करना है न कि पेशेंट्स में ट्यूमर बनने से रोकना। इसका मतलब है कि यह वैक्सीन कैंसर होने पर इलाज के लिए इस्तेमाल की जाएगी। यह किसी व्यक्ति को कैंसर होने से बचाने में सक्षम नहीं है। कैंसर के लिए ऐसी वैक्सीन बनाना बायलॉजिकल तौर पर संभव ही नहीं है, जिससे कैंसर होने से रोका जा सके। ऐसा इसलिए क्योंकि कैंसर कोई बीमारी नहीं है। यह शरीर में हजारों अलग-अलग स्थितियों का परिणाम है।

कैसे होता है कैंसर:

कैंसर तब होता है, जब शरीर में कोशिकाएं (Cells) असामान्य रूप से बढ़ने और विभाजित होने लगती हैं। हमारा शरीर खरबों कोशिकाओं से बना है। स्वस्थ कोशिकाएं शरीर की आवश्यकताओं के अनुसार बढ़ती और विभाजित होती हैं। कोशिकाओं की उम्र जैसे-जैसे बढ़ती या क्षतिग्रस्त होती है, ये कोशिकाएं मर भी जाती हैं। इनकी जगह नई कोशिकाओं का निर्माण होता है। जब किसी को कैंसर होता है, तो कोशिकाएं इस तरह से अपना काम करना बंद कर देती हैं। पुरानी और क्षतिग्रस्त कोशिकाएं मरने की बजाय जीवित रह जाती हैं और जरूरत नहीं होने के बावजूद भी नई कोशिकाओं का निर्माण होने लगता है। ये ही अतिरिक्त कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से विभाजित होती हैं, जिसके परिणामस्वरूप ट्यूमर (Tumour) होता है। अधिकतर कैंसर ट्यूमर्स होते हैं, लेकिन ब्लड कैंसर (Blood cancer) में ट्यूमर नहीं होता है। हालांकि, हर ट्यूमर कैंसर नहीं होता है।

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